Monday, March 30, 2015

==> दरवाजे की ओर पैर करके सोना अपशकुन - जानिए !

दोस्तों, मनुष्य का लगभग आधा जीवन सोने में व्यतीत होता है। हर मनुष्य का सोने का तरीका एक-दूसरे से भिन्न होता है। आपके सोने का तरीका आपके क्रियाकलापों, मन की बातों, आदतों एवं आपके विषय में बहुत कुछ सच-सच बता सकता है। दोस्तों, सामुद्रिक शास्त्र या शरीर लक्षण विज्ञान के अंतर्गत इस संबंध में विस्तृत जानकारी मिलती है। इस संबंध में विस्तृत रूप से जानने के लिए पढ़िए- वास्तु विज्ञान में हर क्रिया के लिए अलग-अलग दिशा और स्थान का वर्णन किया गया है। इन्हीं नियमों में एक है कि व्यक्ति को कभी मुख्य दरवाजे की ओर पैर करके नहीं सोना चाहिए। इस तरह से सोना अपशकुन भी माना जाता है। इसलिए अगर आप घर के मुख्य दरवाजे की ओर पैर रखकर सोते हैं तो अपने सोने के तरीके को बदलिए।

दोस्तों, वास्तु विज्ञान के अनुसार मुख्य दरवाजे की ओर पैर का होना घर से बाहर निकलने का संकेत होता है। इस प्रकार से बाहर की ओर पांव करके मृत्यु के बाद ही व्यक्ति को लिटाया जाता है। इस दिशा में सोने से आयु कम होती है और व्यक्ति का स्वास्थ्य प्रभावित होता है। सोने के लिए सबसे अच्छी दिशा पूर्व और उत्तर को माना गया है।
 

पूर्व दिशा की ओर मुंह करके सोने से शरीर उर्जावान और स्वस्थ्य रहता है। वास्तु विज्ञान में पूर्व और उत्तर पूर्व दिशा को उर्जा का केन्द्र माना गया है। इसे स्वर्ग की दिशा भी कहते हैं। इस दिशा की ओर मुंह करके सोने से शरीर में सकारात्मक उर्जा का संचार होता है और मानसिक तनाव में कमी आती है। लेकिन सूर्योदय की दिशा होने के कारण इस दिशा में मुंह करके सोने वाले व्यक्ति को सूर्योदय से पूर्व उठना चाहिए। अन्यथा सूर्योदय के समय आपका पांव सूर्य की ओर होगा। जिससे सूर्य देवता का अपमान होगा।
 

दोस्तों, शास्त्रों का मत है कि उत्तर दिशा कुबेर की दिशा है। इस दिशा की ओर मुंह करके सोने से उठते समय मुंह उत्तर की ओर होगा जिससे कुबेर की कृपा प्राप्त होगी। वहीं विज्ञान के अनुसार पृथ्वी के दोनों सिरों उत्तरी ध्रुव और दक्षिणी ध्रुव के बीच चुम्बकीय प्रवाह होता है। उत्तरी ध्रुव चुम्बक के पोजिटिव और दक्षिणी ध्रुव निगेटिव पोल की तरह काम करते हैं। हमारा सिर पोजेटिव और पैर निगेटिव एनर्जी प्रवाहित करता हैं।
 

दोस्तों, भाइयो , यहाँ मैं ज्योतिषाचार्य मनोज साहू जी (लाल किताब विशेषज्ञ) आपको बताना चाहता हूँ की सोते समय उत्तर की ओर मुंह करके सोने से सिरहाना दक्षिण की ओर होता है। इससे हमारा सिर वातावरण की निगेटिव एनर्जी को अट्रैक्ट करता है और पैर पॉजेटिव एनर्जी को अपनी ओर खींचता है। जिससे सोते समय मन में उथल-पुथल नहीं मचती है और अच्छी नींद आती है। जबकि इसके विपरीत उत्तर दिशा की ओर दिशा करके सोने से मन में हलचल मची रहती है और अच्छी नींद नहीं आती है। सुबह उठने पर सिर भारी लगता है। जिससे कार्य क्षमता प्रभावित होती है।
 

धन्यवाद दोस्तों इस लेख को पढ़ने के लिए, ऐसे ही बने रहिये मेरे साथ और Like करे इस पेज को ताकि आपको नई जानकारी मिलती रहे।

.......................................ज्योतिष मेरी नजर में,

ज्योतिषाचार्य मनोज साहू जी
(लाल किताब विशेषज्ञ)
मोबाइल - 9039636706 - 8656979221



Best Astrologer in Indore

Saturday, March 28, 2015

जिस व्यक्ति को संभोग का कोई अनुभव नहीं होता, वह अक्सर समाधि की तलाश में निकल जाता है।

जिस व्यक्ति को संभोग का कोई अनुभव नहीं होता, वह अक्सर समाधि की तलाश में निकल जाता है। वह अक्सर सोचता है कि संभोग से कुछ नहीं मिलता, समाधि कैसे पाऊं? लेकिन उसके पास झलक भी नहीं है,
जिससे वह समाधि की यात्रा पर निकल सके।

मैं ज्योतिषाचार्य मनोज साहू जी (लाल किताब विशेषञ) आपको बताना चाहता हूँ कि स्त्री-पुरुष का मिलन एक गहरा मिलन है। और जो व्यक्ति उस छोटे से मिलन को भी उपलब्ध नहीं होता, वह स्वयं के और अस्तित्व के मिलन को उपलब्ध नहीं हो सकेगा। स्वयं का और अस्तित्व का मिलन तो और बड़ा मिलन है, विराट मिलन है। यह तो बहुत छोटा सा मिलन है। लेकिन इस छोटे मिलन में भी अखंडता घटित होती है– छोटी मात्रा में। एक और विराट मिलन है, जहां अखंडता घटित होती है–स्वयं के और सर्व के मिलन से। वह एक बड़ा संभोग है, और शाश्वत संभोग है।
 

यह मिलन अगर घटित होता है, तो उस क्षण में व्यक्ति निर्दोष हो जाता है। मस्तिष्क खो जाता है; सोच-विचार विलीन हो जाता है; सिर्फ होना, मात्र होना रह जाता है, जस्ट बीइंग। सांस चलती है, हृदय धड़कता है,
होश होता है; लेकिन कोई विचार नहीं होता। संभोग में एक क्षण को व्यक्ति निर्दोष हो जाता है।
अगर आपके भीतर की स्त्री और पुरुष के मिलने की कला आपको आ जाए, तो फिर बाहर की स्त्री से मिलने की जरूरत नहीं है। लेकिन बाहर की स्त्री से मिलना बहुत आसान, सस्ता; भीतर की स्त्री से मिलना बहुत कठिन और दुरूह। बाहर की स्त्री से मिलने का नाम भोग; भीतर की स्त्री से मिलने का नाम योग। वह भी मिलन है। योग का मतलब ही मिलन है।


मैं ज्योतिषाचार्य मनोज साहू जी (लाल किताब विशेषञ) आपको बताना चाहता हूँ कि यह बड़े मजे की बात है। लोग भोग का मतलब तो समझते हैं मिलन और योग का मतलब समझते हैं त्याग। भोग भी मिलन है, योग भी मिलन है। भोग बाहर जाकर मिलना होता है, योग भीतर मिलना होता है। दोनों मिलन हैं। और दोनों का सार संभोग है। भीतर, मेरे स्त्री और पुरुष जो मेरे भीतर हैं, अगर वे मिल जाएं मेरे भीतर, तो फिर मुझे बाहर
की स्त्री और बाहर के पुरुष का कोई प्रयोजन न रहा। और जिस व्यक्ति के भीतर की स्त्री और पुरुष का मिलन हो जाता है, वही ब्रह्मचर्य को उपलब्ध होता है। भोजन कम करने से कोई ब्रह्मचर्य को उपलब्ध नहीं होता; न स्त्री से, पुरुष से भाग कर कोई ब्रह्मचर्य को उपलब्ध होता है। न आंखें बंद कर लेने से, न सूरदास हो जाने से–आंखें फोड़ लेने से–कोई ब्रह्मचर्य को उपलब्ध होता है। ब्रह्मचर्य को उपलब्ध होने का एकमात्र उपाय है: भीतर की स्त्री और पुरुष का मिल जाना।
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ज्योतिषाचार्य मनोज साहू जी
(लाल किताब विशेषञ)
मो. 9039636706 - 8656979221
 

Best Atrologer in Indore

एक राजा वन भ्रमण के लिए गया।

एक राजा वन भ्रमण के लिए गया। रास्ता भूल जाने पर भूख प्यास से पीड़ित वह एक वनवासी की झोपड़ी पर जा पहुँचा। वहाँ से आतिथ्य मिला जो जान बची।
चलते समय राजा ने उस वनवासी से कहा- हम इस राज्य के शासक हैं। तुम्हारी सज्जनता से प्रभावित होकर अमुख नगर का चन्दन बाग तुम्हें प्रदान करते हैं। उसके द्वारा जीवन आनन्दनमय बीतेगा।
वनवासी उस परवाने को लेकर नगर के अधिकारी के पास गया और बहुमूल्य चन्दन का उपवन उसे प्राप्त हो गया। चन्दन का क्या महत्व है और उससे किस प्रकार लाभ उठाया जा सकता है, उसकी जानकारी न होने से वनवासी चन्दन के वृक्ष काटकर उनका कोयला बनाकर शहर में बेचने लगा। इस प्रकार किसी तरह उसके गुजारे की व्यवस्था चलने लगी।
धीरे-धीरे सभी वृक्ष समाप्त हो गये। एक अन्तिम पेड़ बचा। वर्षा के कारण कोयला न बन सका तो उसने लकड़ी बेचने का निश्चय किया। लकड़ी का गठ्ठा जब बाजार में पहुँचा तो सुगन्ध से प्रभावित लोगों ने उसका भारी मूल्य चुकाया। आश्चर्यचकित वनवासी ने इसका कारण पूछा तो लोगों ने कहा- यह चन्दन काष्ठ है। बहुत मूल्यवान् है। यदि तुम्हारे पास ऐसी ही और लकड़ी हो तो उसका प्रचुर मूल्य प्राप्त कर सकते हो। वनवासी अपनी नासमझी पर पश्चाताप करने लगा कि उसे इतना बड़ा बहुमूल्य चन्दन वन कौड़ी मोल कोयले बनाकर बेच दिया।
पछताते हुए नासमझ को सान्त्वना देते हुए एक विचारशील व्यक्ति ने कहा -
"मित्र, पछताओ मत, यह सारी दुनिया, तुम्हारी ही तरह नासमझ है। जीवन का एक-एक क्षण बहुमूल्य है पर लोग उसे वासना और तृष्णाओं के बदलें कौड़ी मोल में गँवाते रहते हैं। तुम्हारे पास जो एक वृक्ष बचा है उसी का सदुपयोग कर लो तो कम नहीं। बहुत गँवाकर भी कोई मनुष्य अन्त में सँभल जाता है तो वह भी बुद्धिमान ही माना जाता है।"
इसलिए भगवान नाम-जप-
'हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे।
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे।'
और खुश रहे।
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ज्योतिषीय मनोज साहू जी
(लाल किताब विशेषञ)
 मो. 9039636706 - 8656979221
Best Astrologer of Indore

Friday, March 20, 2015

.धन (ध+न) का रहस्य.....


दोस्तों, हकीकत मे धन (ध+न) का रहस्य वे ही समझ पाये है जो "ध" यानी भाग्य और "न" यानी जोखिम दोनो को साथ लेकर चलते रहे है. 
मैं ज्योतिषाचार्य मनोज साहू जी (लाल किताब विशेषज्ञ) आपको बताना चाहता हूँ की जन्म कुंडली मे जिस स्थान पर धनु और वृश्चिक राशियां होंगी उसी स्थान से धन कमाने के रास्ते खुलेंगे.जब जोखिम है तो भाग्य को आगे आना ही है, मैं ज्योतिषाचार्य मनोज साहू जी कोशिश करता हूँ की सभी को इस छोटी बातों में सारा ज्योतिष का भेद समझा सकूँ। आगे आपकी मर्जी भाइयों। धन्यवाद..
दोस्तों,जब तक जोखिम नही है तब तक भाग्य भी नही है,लगन मे वृश्चिक है तो यह जरूरी है कि आगे की राशि धनु होगी,व्यक्ति उन कामो को जब तक नही करेगा जो शरीर से जुडे 108 कारको से जोखिम रखते है तब तक वह 108 धन के प्रभाव उसे नही मिल पायेंगे.
दोस्तों आज ही अपनी कुंडली दिखाकर जानने की कोशिश करो आखिर क्या चीज है जो आप को नहीं करनी चाहिए और क्या करनी चाहिए.. वरना जिंदगी रुला देगी...आदतो को सुधार लो, आप हमेशा मुझे ज्योतिषाचार्य मनोज साहू जी को हमेशा याद करेंगे।
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मैं सिर्फ आपसे इतना कहना चाहता हु की अपनी कुंडली किसी अच्छे ज्योतिष को दिखाए या फिर मुझे एक बार आपकी सेवा का मौका दे. !
.......................................ज्योतिष मेरी नजर में,
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ज्योतिषाचार्य मनोज साहू जी
(लाल किताब विशेषज्ञ)
मोबाइल - 9039636706 - 8656979221
ओन-लाइन सेवा उपलब्ध
www.yourluck.in 

Saturday, March 14, 2015

Dont let your marriage be a tale of sorrow



Friends marriage is a relation which helps a single man and a single women coexist and create a new family. Marriage is all about growing and earning respect in the society, our Indian system of astrology has a very accurate system to predict this holy alliance between a man and women.
Our ancestors believed heavily in the concept of kundli matching. Kundli if prepared properly can very accurately predict the entire life of a native, plus it can help in correcting all the obstacles of life before issues take shape of a contingency or emergency.

As a professional astrologer and a socially responsible human I strongly recommend everyone going ahead to tie the knot for a complete and through kundli analysis so that complications if any can be rectified on time.
Some of the highlighting cases which I have resolved using the knowledge of astrology are
Pandeya Family : after marriage the bride goes to her family home and is never called back. On kundli analysis it was found that the groom had an affair some where else and had married due to the family pressure. Later on the boy married his lover.

Now the above cited case could have been completely averted if some knowledgeable astrologer would have warned the family beforehand.
Friends I face such clients every day who have virtually destroyed their lives because of little carelessness.  

Now a days people just enter their birth details on free online sites and then make the decision themselves. Please remember that astrology is a science which requires real time analysis of charts.

Hence I would recommend everyone reading this article to consult a good astrologer before taking any major decision of life
Please share the information if you like it.

I can be consulted at : Indorejyotish121@gmail.com
Astrolger Shri Manoj Sahu Ji
Lal Kitab Expert
9039636706 - 8656979221
LIKE ME ON FACEBOOK : LIKE 

Wednesday, March 11, 2015

==> दरवाजे की ओर पैर करके सोना अपशकुन - जानिए ! Why is it inauspicious to sleep with your feet pointing towards door

दोस्तों, मनुष्य का लगभग आधा जीवन सोने में व्यतीत होता है। हर मनुष्य का सोने का तरीका एक-दूसरे से भिन्न होता है। आपके सोने का तरीका आपके क्रियाकलापों, मन की बातों, आदतों एवं आपके विषय में बहुत कुछ सच-सच बता सकता है। दोस्तों, सामुद्रिक शास्त्र या शरीर लक्षण विज्ञान के अंतर्गत इस संबंध में विस्तृत जानकारी मिलती है। इस संबंध में विस्तृत रूप से जानने के लिए पढ़िए-
वास्तु विज्ञान में हर क्रिया के लिए अलग-अलग दिशा और स्थान का वर्णन किया गया है। इन्हीं नियमों में एक है कि व्यक्ति को कभी मुख्य दरवाजे की ओर पैर करके नहीं सोना चाहिए। इस तरह से सोना अपशकुन भी माना जाता है। इसलिए अगर आप घर के मुख्य दरवाजे की ओर पैर रखकर सोते हैं तो अपने सोने के तरीके को बदलिए।
दोस्तों, वास्तु विज्ञान के अनुसार मुख्य दरवाजे की ओर पैर का होना घर से बाहर निकलने का संकेत होता है। इस प्रकार से बाहर की ओर पांव करके मृत्यु के बाद ही व्यक्ति को लिटाया जाता है। इस दिशा में सोने से आयु कम होती है और व्यक्ति का स्वास्थ्य प्रभावित होता है। सोने के लिए सबसे अच्छी दिशा पूर्व और उत्तर को माना गया है।
पूर्व दिशा की ओर मुंह करके सोने से शरीर उर्जावान और स्वस्थ्य रहता है। वास्तु विज्ञान में पूर्व और उत्तर पूर्व दिशा को उर्जा का केन्द्र माना गया है। इसे स्वर्ग की दिशा भी कहते हैं। इस दिशा की ओर मुंह करके सोने से शरीर में सकारात्मक उर्जा का संचार होता है और मानसिक तनाव में कमी आती है। लेकिन सूर्योदय की दिशा होने के कारण इस दिशा में मुंह करके सोने वाले व्यक्ति को सूर्योदय से पूर्व उठना चाहिए। अन्यथा सूर्योदय के समय आपका पांव सूर्य की ओर होगा। जिससे सूर्य देवता का अपमान होगा।
दोस्तों, शास्त्रों का मत है कि उत्तर दिशा कुबेर की दिशा है। इस दिशा की ओर मुंह करके सोने से उठते समय मुंह उत्तर की ओर होगा जिससे कुबेर की कृपा प्राप्त होगी। वहीं विज्ञान के अनुसार पृथ्वी के दोनों सिरों उत्तरी ध्रुव और दक्षिणी ध्रुव के बीच चुम्बकीय प्रवाह होता है। उत्तरी ध्रुव चुम्बक के पोजिटिव और दक्षिणी ध्रुव निगेटिव पोल की तरह काम करते हैं। हमारा सिर पोजेटिव और पैर निगेटिव एनर्जी प्रवाहित करता हैं।
दोस्तों, भाइयो , यहाँ मैं ज्योतिषाचार्य मनोज साहू जी (लाल किताब विशेषज्ञ) आपको बताना चाहता हूँ की सोते समय उत्तर की ओर मुंह करके सोने से सिरहाना दक्षिण की ओर होता है। इससे हमारा सिर वातावरण की निगेटिव एनर्जी को अट्रैक्ट करता है और पैर पॉजेटिव एनर्जी को अपनी ओर खींचता है। जिससे सोते समय मन में उथल-पुथल नहीं मचती है और अच्छी नींद आती है। जबकि इसके विपरीत उत्तर दिशा की ओर दिशा करके सोने से मन में हलचल मची रहती है और अच्छी नींद नहीं आती है। सुबह उठने पर सिर भारी लगता है। जिससे कार्य क्षमता प्रभावित होती है।
धन्यवाद दोस्तों इस लेख को पढ़ने के लिए, ऐसे ही बने रहिये मेरे साथ और Like करे इस पेज को ताकि आपको नई जानकारी मिलती रहे।
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Saturday, March 7, 2015

"शादी - कही दुःख और मुसीबत की शुरुआत तो नहीं !"

शादी एक सुखी परिवार की और सम्मानित समाज की शुरुआत करती है !
कृपया अपनी व् होने वाले वर-वधु की कुंडली जरूर उच्च ज्योतिष से मैच मेकिंग करवाये। सिर्फ गुण अकेले से विवाह शुभ नहीं होता। शादी - कही दुःख और मुसीबत की शुरुआत तो नहीं।

नमस्कार दोस्तों.
दोस्तों आज मैं ज्योतिषाचार्य मनोज साहू जी (लाल किताब विशेषज्ञ) आप सभी लोगो को सावधान कर रहा हूँ वरना जिंदगी दोबारा मौका नहीं देती, और न ही
गया हुआ समय वापस आता है

कई अनुभव जीवन में सुना.. जिनकी कुंडली-पत्रिका का अध्ध्यन करने
पर पाया "विवाह दोष" - कुछ उदाहरण आपके सामने:

(1) Pandeya Family - Indore
शादी के बाद दुल्हन पहली बार अपने मायके जाती है फिर वापिस ही नहीं आती
कारण:
लड़की ने अपने माँ बाप और समाज के दबाव में शादी किया था जबकि वो प्रेम विवाह करना चाहती थी। आज वो दूसरा प्रेम विवाह करके खुश है।

(2) Arora Family - Indore
शादी के बाद लड़की मायके गयी परन्तु लड़के वाले लेने ही नहीं आये
कारण:
लड़की को कोई अंदरुनी समस्या (बीमारी) थी

(3) Yadav Family - Indore
शादी के बाद लड़की मायके गयी लेकिन वो खुद वापिस ससुराल नहीं आना चाहती
कारण:
लड़की को कुछ ही दिनी में पता चल गया था लड़के का घर में ही किसी अन्य स्त्री से अवैध सम्बन्ध थे !


ऐसे कई सारे अनुभव है दोस्तों जो जिंदगी हिला देते है दोनों परिवार के।

दोस्तों कई मा-बाप ज्योतिष-पंडित से गुण मिलान करवाते है और पुरे गुण मिलने पर विवाह कर देते है जो की गलत है.
आज लाखो परिवार अलग हो गए जिन्होंने सिर्फ गुण मिलाकर शादी किया था। कुंडली में हर वो चीज देखनी पड़ती है जिसे जीवन में सामना करना पड़ता है। वो सिर्फ एक अच्छा ज्योतिष ही बता देता है बल्कि उपाय भी देगा।

दोस्तों आज ही अपनी कुंडली दिखाकर जानने की कोशिश करो आखिर क्या चीज है जो आप को नहीं करनी चाहिए वरना जिंदगी रुला देगी...आदतो को सुधार लो, आप हमेशा मुझे ज्योतिषाचार्य मनोज साहू जी को हमेशा याद करेंगे।
मैं सिर्फ आपसे इतना कहना चाहता हु की अपनी कुंडली किसी अच्छे ज्योतिष को दिखाए या फिर मुझे एक बार आपकी सेवा का मौका दे.

धन्यवाद दोस्तों इस लेख को पढ़ने के लिए, ऐसे ही बने रहिये मेरे साथ और Like करे इस पेज को ताकि आपको नई जानकारी मिलती रहे।

...................................................................ज्योतिष मेरी नजर में,

ज्योतिषाचार्य मनोज साहू जी
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Thursday, March 5, 2015

...कभी बॉस गलत मिलता कभी नौकरी गलत मिलती !!

दोस्तों हमेशा लोगो को किस्मत से ही शिकायत रहती है की नौकरी नहीं टिकती। कभी बॉस गलत मिल जाता है तो कभी नौकरी ही गलत मिल जाती है। ऐसा सिर्फ कुंडली में दोष होने के कारण ही जातक भटकते रहता है। यदि आप भी इसी तरह भटक रहे है। या ४ - ६ नौकरी बदल चुके है और तरक्की के नाम में कुछ हाथ नहीं आया है तो तुरंत अपनी कुंडली अच्छे ज्योतिष को दिखाए दोस्तों।

भाइयो, यहाँ मैं कुछ जनरल टिप्स दे रहा हूँ मैं ज्योतिषाचार्य मनोज साहू जी (लाल किताब विशेषज्ञ) आपको बताना चाहता हूँ की यदि आपके पास कुंडली दिखाने के पैसे नहीं है, और आपकी नौकरी खतरे में नजर आ रही है, तो इसे जरूर अपनाये। शायद २० - ३० % फायदा हो जाये। पूरा फायदा के लिए कुंडली के अनुसार उपाय दिए जाते है दोस्तों। जैसी बीमारी वैसी दवा दी जाती है.!
 

 उपाय:
बॉस को दोस्तों, खुश रखना है तो रविवार के दिन चावल और चीनी का प्रसाद बनाकर सूर्य भगवन को अर्पित करें। दोस्तों, इस प्रसाद को बॉस को खिलाने से बॉस का क्रोध धीरे-धीरे आपके प्रति कम होता है।

 
आपके प्रति कम होता है।
दोस्तों, अगर ऐसा करने में कठिनाई हो तो बॉस को खीर भी खिला सकते हैं। खीर चन्द्रमा का पदार्थ जो शीतलता प्रदान करता है।

दोस्तों, मैं ज्योतिषाचार्य मनोज साहू जी (लाल किताब विशेषज्ञ) आपको बताना चाहता हूँ की कुण्डली के दसवें घर में जो भी राशि हो उस राशि के स्वामी ग्रह का दोस्तों रत्न धारण करने से दसम भाव मजबूत होता है। दसम भाव मजबूत होगा तो कार्य क्षेत्र में उन्नति के अवसर मिलते रहेंगे।
अधिकारियों से भी दोस्तों, आपको सहयोग मिलेगा। दसम भाव अनुकूल होने पर पिता से भी मधुर संबंध बने रहते हैं।
दोस्तों आज ही अपनी कुंडली दिखाकर जानने की कोशिश करो आखिर क्या चीज है जो आप को नहीं करनी चाहिए और क्या करनी चाहिए.. वरना जिंदगी रुला देगी...आदतो को सुधार लो, आप हमेशा मुझे ज्योतिषाचार्य मनोज साहू जी को हमेशा याद करेंगे।
 

मैं सिर्फ आपसे इतना कहना चाहता हु की अपनी कुंडली किसी अच्छे ज्योतिष को दिखाए या फिर मुझे एक बार आपकी सेवा का मौका दे. !
.......................................ज्योतिष मेरी नजर में,


ज्योतिषाचार्य मनोज साहू जी
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