Monday, March 30, 2015

==> दरवाजे की ओर पैर करके सोना अपशकुन - जानिए !

दोस्तों, मनुष्य का लगभग आधा जीवन सोने में व्यतीत होता है। हर मनुष्य का सोने का तरीका एक-दूसरे से भिन्न होता है। आपके सोने का तरीका आपके क्रियाकलापों, मन की बातों, आदतों एवं आपके विषय में बहुत कुछ सच-सच बता सकता है। दोस्तों, सामुद्रिक शास्त्र या शरीर लक्षण विज्ञान के अंतर्गत इस संबंध में विस्तृत जानकारी मिलती है। इस संबंध में विस्तृत रूप से जानने के लिए पढ़िए- वास्तु विज्ञान में हर क्रिया के लिए अलग-अलग दिशा और स्थान का वर्णन किया गया है। इन्हीं नियमों में एक है कि व्यक्ति को कभी मुख्य दरवाजे की ओर पैर करके नहीं सोना चाहिए। इस तरह से सोना अपशकुन भी माना जाता है। इसलिए अगर आप घर के मुख्य दरवाजे की ओर पैर रखकर सोते हैं तो अपने सोने के तरीके को बदलिए।

दोस्तों, वास्तु विज्ञान के अनुसार मुख्य दरवाजे की ओर पैर का होना घर से बाहर निकलने का संकेत होता है। इस प्रकार से बाहर की ओर पांव करके मृत्यु के बाद ही व्यक्ति को लिटाया जाता है। इस दिशा में सोने से आयु कम होती है और व्यक्ति का स्वास्थ्य प्रभावित होता है। सोने के लिए सबसे अच्छी दिशा पूर्व और उत्तर को माना गया है।
 

पूर्व दिशा की ओर मुंह करके सोने से शरीर उर्जावान और स्वस्थ्य रहता है। वास्तु विज्ञान में पूर्व और उत्तर पूर्व दिशा को उर्जा का केन्द्र माना गया है। इसे स्वर्ग की दिशा भी कहते हैं। इस दिशा की ओर मुंह करके सोने से शरीर में सकारात्मक उर्जा का संचार होता है और मानसिक तनाव में कमी आती है। लेकिन सूर्योदय की दिशा होने के कारण इस दिशा में मुंह करके सोने वाले व्यक्ति को सूर्योदय से पूर्व उठना चाहिए। अन्यथा सूर्योदय के समय आपका पांव सूर्य की ओर होगा। जिससे सूर्य देवता का अपमान होगा।
 

दोस्तों, शास्त्रों का मत है कि उत्तर दिशा कुबेर की दिशा है। इस दिशा की ओर मुंह करके सोने से उठते समय मुंह उत्तर की ओर होगा जिससे कुबेर की कृपा प्राप्त होगी। वहीं विज्ञान के अनुसार पृथ्वी के दोनों सिरों उत्तरी ध्रुव और दक्षिणी ध्रुव के बीच चुम्बकीय प्रवाह होता है। उत्तरी ध्रुव चुम्बक के पोजिटिव और दक्षिणी ध्रुव निगेटिव पोल की तरह काम करते हैं। हमारा सिर पोजेटिव और पैर निगेटिव एनर्जी प्रवाहित करता हैं।
 

दोस्तों, भाइयो , यहाँ मैं ज्योतिषाचार्य मनोज साहू जी (लाल किताब विशेषज्ञ) आपको बताना चाहता हूँ की सोते समय उत्तर की ओर मुंह करके सोने से सिरहाना दक्षिण की ओर होता है। इससे हमारा सिर वातावरण की निगेटिव एनर्जी को अट्रैक्ट करता है और पैर पॉजेटिव एनर्जी को अपनी ओर खींचता है। जिससे सोते समय मन में उथल-पुथल नहीं मचती है और अच्छी नींद आती है। जबकि इसके विपरीत उत्तर दिशा की ओर दिशा करके सोने से मन में हलचल मची रहती है और अच्छी नींद नहीं आती है। सुबह उठने पर सिर भारी लगता है। जिससे कार्य क्षमता प्रभावित होती है।
 

धन्यवाद दोस्तों इस लेख को पढ़ने के लिए, ऐसे ही बने रहिये मेरे साथ और Like करे इस पेज को ताकि आपको नई जानकारी मिलती रहे।

.......................................ज्योतिष मेरी नजर में,

ज्योतिषाचार्य मनोज साहू जी
(लाल किताब विशेषज्ञ)
मोबाइल - 9039636706 - 8656979221



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