Thursday, April 9, 2015

बृहस्पति और शुक्र दो ग्रह हैं जो पुरूष और स्त्री का प्रतिनिधित्व करते हैं! - Jupiter & Venus are the two main planetes which decides the marrital harmony in a person's life

मुख्य रूप ये दो ग्रह वैवाहिक जीवन में सुख दु:, संयोग और वियोग का फल देते हैं!

बृहस्पति और शुक्र दोनों ही शुभ ग्रह सप्तम(7th) भाव जीवन साथी का घर होता हैं! इस घर में इन दोनों ग्रहों की स्थिति एवं प्रभाव के अनुसार विवाह एवं दाम्पत्य सुख का सुखद अथवा दुखद फल मिलता हैं! पुरूष की कुण्डली में शुक्र ग्रह पत्नी एवं वैवाहिक सुख का कारक होता हैं! और स्त्री की कुण्डली में बृहस्पति ये दोनों ग्रह स्त्री एवं पुरूष की कुण्डली में जहां स्थित होते हैं और जिन स्थानों को देखते हैं उनके अनुसार जीवनसाथी मिलता हैं! और वैवाहिक सुख प्राप्त होता हैं!

ज्योतिषशास्त्र का नियम है कि बृहस्पति जिस भाव में होता हैं उस भाव के फल को दूषित करता है! और जिस भाव पर इनकी दृष्टि होती है! उस भाव से सम्बन्धित शुभ फल प्रदान करते हैं! जिस स्त्री अथवा पुरूष की कुण्डली में गुरू सप्तम भाव में विराजमान होता हैं उनका विवाह या तो विलम्ब से होता है! अथवा दाम्पत्य जीवन के सुख में कमी आती है!पति पत्नी में अनबन और क्लेश के कारण गृहस्थी में उथल पुथल मची रहती है! 

दाम्पत्य जीवन को सुखी बनाने में बृहस्पति और शुक्र का सप्तम भाव और सप्तमेश से सम्बन्ध महत्वपूर्ण होता है! जिस पुरूष की कुण्डली में सप्तम भाव, सप्तमेश और विवाह कारक ग्रह शुक बृहस्पति से युत या दृष्ट होता! उसे सुन्दर गुणों वाली अच्छी जीवनसंगिनी मिलती है!इसी प्रकार जिस स्त्री की कुण्डली में सप्तम भाव, सप्तमेश और विवाह कारक ग्रह बृहस्पति शुक्र से युत या दृष्ट होता है! उसे सुन्दर और अच्छे संस्कारों वाला पति मिलता है! शुक्र भी बृहस्पति के समान सप्तम भाव में सफल वैवाहिक जीवन के लिए शुभ नहीं माना जाता है!

सप्तम भाव का शुक्र व्यक्ति को अधिक कामुक बनाता है! जिससे विवाहेत्तर सम्बन्ध की संभावना प्रबल रहती है! विवाहेत्तर सम्बन्ध के कारण वैवाहिक जीवन में क्लेश के कारण गृहस्थ जीवन का सुख नष्ट होता है! बृहस्पति और शुक्र जब सप्तम भाव को देखते हैं अथवा सप्तमेश पर दृष्टि डालते हैं तो इस स्थिति में वैवाहिक जीवन सफल और सुखद होता है!लग्न में बृहस्पति अगर पापकर्तरी योगवव से पीड़ित होता है! तो सप्तम भाव पर इसकी दृष्टि का शुभ प्रभाव नहीं होता है! ऐसे में सप्तमेश कमज़ोर हो या शुक्र के साथ हो तो दाम्पत्य जीवन सुखद और सफल रहने की संभावना कम रहती है!

Astrologer Manoj Sahu Ji (Lal Kitab Expert)
ज्योतिषाचार्य मनोज साहू जी (लाल किताब विशेषज्ञ)
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